martedì 16 ottobre 2018

क्या जमाल ख़ाशोज्जी पर बेख़बर हैं सऊदी के किंग सलमान

मरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को सऊदी शाह सलमान से बात करने के लिए तुरंत सऊदी अरब भेजा है.
ट्रंप ने एक बयान में कहा "शाह सलमान को इस मामले में कोई जानकारी नहीं है, मैंने तुरंत माइक पोम्पियो को सऊदी अरब जा कर उनसे बात करने के लिए कहा है."
डोनल्ड ट्रंप ने कहा, "माइक पोम्पियो घंटे भर के भीतर सऊदी अरब के लिए रवाना हो रहे हैं. हम सच की तलाश के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे."
"मैं आपको बता दूं कि शाह सलमान ने इसके बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया है. वो शायद सच में कुछ नहीं जानते हैं या फिर..... मैं उनके दिमाग में झांकना नहीं चाहता."
"लेकिन हो सकता है कि किसी बदमाश अपराधी ने जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या की हो. हम मामले की तह तक ज़रूर पहुंचेंगे."
ट्रंप का कहना है कि सऊदी अरब के सुल्तान से
इधर तुर्की का कहना है कि उनके अधिकारी सऊदी दूतावास की तलाशी ले रहे हैं. अधिकारी खाशोज्जी की कथित हत्या के सबूतों की तलाश कर रहे हैं.
लेकिन इसतांबुल में मौजूद पत्रकारों का कहना है कि जांच अधिकारियों के दूतावास में पहुंचने से पहले उन्होंने सफाई कर्मचारियों को इमारत के भीतर जाते देखा है.
इस पूरे मामले पर यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख फेडेरिका मोघेरिनी ने कहा है कि यूरोप को अपने सवालों का जवाब चाहिए.
उन्होंने कहा, "हम पारदर्शिता की उम्मीद करते हैं और इस बात पर सभी देश एकमत हैं. हम चाहते हैं कि सऊदी और तुर्की अधिकारी मामले की संयुक्त जांच करें."
"हम अमरीका समेत अपने सभी मित्रों के संदेशों से सहमत हैं. मुझे लगता है कि इस मामले पर अमरीका और हमारी सोच एक है."
बात करने के बाद पोम्पियो तुर्की के लिए रवाना होंगे.
सऊदी सरकार के आलोचक माने जाने वाले पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी दो अक्तूबर को इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास गए थे और वहां से वो वापस नहीं लौटे.
तुर्की के जांच अधिकारियों का आरोप है कि दूतावास के भीतर उनकी हत्या कर उनका शव ठिकाने लगा दिया गया है. सऊदी अरब अब तक सभी आरोपों से इनकार करता रहा है.
अमरीकी मीडिया में चल रही अपुष्ट ख़बरों के अनुसार सऊदी अरब ये स्वीकार करने के लिए तैयार हो गया है कि पूछताछ के दौरान अकस्मात ख़ाशोज्जी की मौत हो गई थी, जबकि उन्हें अगवा किए जाने की योजना थी.1 अक्टूबर को रामपाल और अन्य आठ आरोपियों को दो मामलों में दोषी क़रार दिया गया था. रामपाल को बरवाला में मौजूद उनके आश्रम से 19 नवंबर, 2014 को गिरफ़्तार किया गया था.
2006 में रामपाल के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज किया गया. इस मामले के तहत रामपाल को उनके करौंथा आश्रम से गिरफ़्तार किया गया था. 22 महीने जेल में रहने के बाद उन्हें बाद में ज़मानत मिल गई थी.
लेकिन इसके बाद वो कई बार अदालत में पेश नहीं हुए और उनकी ज़मानत रद्द कर दी गई थी. कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन रामपाल ने ऐसा नहीं किया.
इस बीच कई बार ऐसा हुआ कि अदालत में पेशी के दौरान सैंकड़ों की संख्या में उनके अनुयायी अदालत पहुंचने लगे.
जुलाई 2014 को रामपाल के अनुयायियों ने हिसार कोर्ट में तोड़फोड़ की थी जिसके बाद पंजाब और हरियाणा कोर्ट के उनके नाम से समन जारी किया था. समन जारी होने के बाद भी कोर्ट में नहीं पेश होने के बाद उन्हें गिरफ़्तार करने का आदेश दिया गया.
रामपाल के सतलोक आश्रम के प्रवक्ता चांद राठी कहते हैं, "ये क़ानून व्यवस्था की दिक्क़तें थीं. रामपाल मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ़्रेंस के ज़रिए करते थे. लेकिन हिसार कोर्ट के वकीलों ने बड़ी संख्या में उनके अनुयायियों की उपस्थिति पर एतराज़ जताया था. उनके बार-बार कोर्ट में उपस्थित ना होने के बाद ज़मानत रद्द कर दी गई थी."
जिन दो मामलों में रामपाल को सज़ा सुनाई जाएगी, वे दोनों मामले 19 नवंबर 2014 को दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर हैं.
2006 वाले मामले में ज़मानत रद्द होने के बाद पुलिस नवंबर में उन्हें गिरफ्तार करने के लिए उनके बरवाला स्थित आश्रम पहुंची. लेकिन यहां उनके अनुयायियों ने उन्हें बचाने के लिए मानव ढाल बना ली थी. इस दौरान आश्रम में चार महिलाओं और एक 18 महीने के बच्चे की मौत हुई थी.
इस मामले में बरवाला पुलिस स्टेशन में रामपाल के ख़िलाफ़ 19 नवंबर को धारा 302 (हत्या), धारा 343 (ग़लत तरीक़े से बंदी बनाना) और धारा 120बी (आपराधिक साज़िश) ते तहत एफ़आईआर (संख्या 429) दर्ज की गई थी.
रामपाल पर दूसरी एफ़आईआर (संख्या 430) भी 19 नवंबर, 2014 को बरवाला पुलिस थाने में ही दर्ज हुई थी. ये मामला आश्रम में मिली एक महिला की लाश से जुड़ा हुआ है. 18 नवंबर, 2014 को आश्रम में रजनी नाम की 25 वर्षीय महिला का शव मिला था.
इस मामले में आश्रम के अन्य लोगों और रामपाल के क़रीबी माने जाने वाले राजेंद्र, महिंदर सिंह, राजकपूर सहित अन्य के नाम भी शामिल हैं.
आठ अक्टूबर को हिसार कोर्ट ने दोनों मामले की सुनवाई पूरी की. अब 16 अक्टूबर को एडीजे चलिया इस मामले में दोषी रामपाल को एफ़आईआर 429 और 230 मामले में सज़ा सुनाएंगे. इस मुक़दमें में कुल 80 गवाहों को पेश किया गया था.

lunedì 8 ottobre 2018

कोच से लोगों ने एक साल में चुरा लिए

यूज डेस्क। वेस्टर्न रेलवे ने बताया कि लोगों द्वारा कंबल, टॉवल और चादर के साथ दूसरे आइटम चुराने की वजह से उसे 2.5 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2017-18 में 1.95 लाख टॉवल, 81736 बेड शीट्स, 55573 पिलो कवर, 5038 पिलो और 7043 कंबल चोरी हुए हैं। इनके अलावा, चादर, बेडशीट, मग के साथ दूसरे सामान भी चोरी हुए हैं। कुल-मिलाकर इन सभी आइटम की कीमत 2.5 करोड़ रुपए बताई जा रही है।

सामान चुराने पर रेलवे करता ये कार्रवाई
> नीरज भटनागर ने बताया कि ट्रेन में मिलने वाले कंबल, बैडशीट या अन्य आइटम को प्राइवेट वेंडर की तरफ से दिया जा रहा है।
> ऐसे में यदि कोई आइटम चोरी होता है तो उसमें प्राइवेट वेंडर का नुकसान होता है।
> इस स्थिति में वेंडर अपने नुकसान की भरपाई आइटम से जुड़े लोगों की सैलेरी से करती है।
> यदि किसी यात्री को चोरी करते हुए मौके पर पकड़ लिया जाए, तब उस आइटम को रेलवे की संपति में गिना जाएगा।
> इस स्थिति में उस पर रेलवे एक्ट के तहत कार्रवाई होती है। व, जुर्माना रेलवे कोर्ट तय हींकरेगी।
क्या कहता है रेलवे एक्ट
> रेलवे के सामान को चुराने या हानि पहुंचाने के लिए रेलवे प्रोपर्टी एक्ट 1966 (1996 का एक्ट नंबर 29) बना हुआ है।
> एक्ट के मुताबिक, रेलवे की प्रोपर्टी को चुराने या नुकसान पहुंचाने पर जुर्माना और जेल दोनों की कार्रवाई हो सकती है।
> इसमें मिनिमम जुर्माना 1 हजार या 1 साल की सजा या फिर दोनों हो सकते हैं।
> वहीं, अधिकतम 5 साल की सजा या जुर्माना या ये दोनों हो सकते हैं।
> अधिकतम कितना जुर्माना लगेगा इस बात का फैसला रेलवे कोर्ट तय करती है।
2017 के आंकड़े
> दिसंबर 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में 98594, तमिलनाडु में 81408 और गुजरात में 77047 लोगों को सामान चुराने के लिए अरेस्ट किया गया था।
> सामान चुराने की लिस्ट में रेलवे ट्रैक में यूज होने वाले लोहा से लेकर कोच में इस्तेमाल होने वाली एक्सेसरीज तक सभी चीजें शामिल थी।
ट्रेन में दिए जाने वाले सामान की कीम
> जानकारी के मुताबिक ट्रेन में दी जाने वाली बेड शीट की कीमत 132 रुपए से 170 रुपए तक होती है।
> वहीं, एक टॉवल की कीमत 22 रुपए से लेकर 35 रुपए तक होती है।
> इसी तरह, एक पिलो यानी तकिया की कीमत 30 रुपए से लेकर 50 रुपए तक होती है।
> रिपोर्ट के मुताबिक 3 टायर से लेकर हायर क्लास तक के यात्री सामान चुराते हैं।

domenica 7 ottobre 2018

कारगिल युद्ध में हिस्सा लेने वाला मिग-29 अपग्रेड हुआ, उड़ान और मारक क्षमता बढ़ी

आदमपुर (जालंधर). वायुसेना का कहना है कि रूस से लिए गए मिग-29 में सुधार के बाद उसकी मारक क्षमता बढ़ गई है। आदमपुर एयर फोर्स स्टेशन में तैनात लेफ्टिनेंट करण कोहली ने कहा कि मिग-29 में अब हवा में ही ईंधन भराजा सकता है, आधुनिक मिसाइलों के लिए भी ये उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि चौतरफा वार करने की क्षमता की वजह से ये फाइटर जेट की कमी से जूझ रही वायुसेना को नई ताकत देगा।

एक अधिकारी ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर बताया- पिछले हफ्ते अपग्रेडेड मिग-29 ने आदमपुर एयर फोर्स स्टेशन से उड़ान भरी और नई युद्ध क्षमताओं का प्रदर्शन किया। जब अधिकारी से पूछा गया कि क्या चीन और पाकिस्तान से एक ही वक्त में युद्ध के मौके पर ये सहायक होगा, तो उन्होंने कहा- 1980 के दौरान लाए गए मिग-29 से नए अपग्रेडेड फाइटर जेट की तुलना की जाए, तो ये किसी भी स्थिति में माकूल जवाब देने में सक्षम है।उन्होंने कहा- अपग्रेड मिग में वर्टिकल टेकऑफ की क्षमता भी है, जिससे वायुसेना की ताकत और बढ़ जाती है। भारतीय वायु सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे दुश्मन जहाज की पहचान होने के 5 मिनट के भीतर यह टेकऑफ कर सकता है और उसे तबाह कर सकता है। एयर री-फ्यूलिंग सुविधा के चलते ये पुराने वर्जन के मुकाबले ज्यादा दूरी तक उड़ान भर सकता है। 

परीक्षण के दौरान मिग उड़ाने वाले पायलट ने कहा-  मिग-29 में अब मल्टी फंक्शनल डिस्प्ले (एमएफडी), डिजिटल स्क्रीन और ग्लास की कॉकपिट भी है।। अपग्रेड वर्जन के चलते फाइटर जेट की रेंज भी बढ़ी है। पुराने लीगेसी एयरक्राफ्ट में हम कुछ पहलुओं पर सीमित थे। लेकिन, अब हम हवा से हवा, हवा से जमीन और एंटी शिपिंग अभियानों को भी अंजाम दे सकते हैं। 

आदमपुर एयर फोर्स स्टेशन बेहद अहम है। यह पाकिस्तान की सीमा से करीब 100 किलोमीटर और चीन की सीमा से 250 किलोमीटर दूर है। अब इस एयरफोर्स स्टेशन के पास मिग एयरक्राफ्ट की 3 स्क्वाड्रन हैं। एक स्क्वाड्रन में 16-18 लड़ाकू विमान होते हैं। लेफ्टिनेंट कोहली ने कहा कि अब हमारे पास एक लचीला लड़ाकू विमान हैं। पायलट अपनी पोजिशन बदल सकते हैं और ये विमान किसी भी हालात में लड़ सकता है।
वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा था- वायुसेना लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही है। अभी लड़ाकू विमानों की 31 स्क्वॉड्रन हैं और 42 की अनुमति है। अगर हमारे पास 42 स्क्वाड्रन भी हो जाती हैं, तब भी हम अपने क्षेत्रीय विरोधियों की साझा लड़ाकू विमानों की स्क्वाड्रन क्षमता से कम हैं। फॉर्मा क्षेत्र की दिग्गज कैडिला फॉर्मास्यूटिकल्स के चेयरमैन राजीव मोदी पत्नी मोनिका मोदी से तलाक लेंगे। 26 साल के दांपत्य जीवन के बाद इस जोड़े ने अलग होने का फैसला किया है। तलाक के बदले राजीव पत्नी मोनिका को 200 करोड़ रुपए देंगे। ये पैसे तलाक अर्जी के साथ ही एस्क्रो एजेंट (एक तरह से कस्टोडियन) के खाते में ट्रांसफर हो गए हैं।

तलाक की जरूरी औपचारिकताएं पूरी होने के साथ ही ये पैसे मोनिका को मिल जाएंगे। हालांकि 17 साल का बेटा राजीव के पास रहेगा। तलाक के बाद राजीव के कंपनी समूह और संपत्ति में मोनिका का कोई हक और हिस्सेदारी नहीं होगी। शनिवार को अहमदाबाद की फैमिली कोर्ट में मोदी दंपती ने परस्पर सहमति से तलाक की अर्जी लगाई।

अनबन के बाद उजागर हुआ था मामला : दो महीने से राजीव और मोनिका के बीच मनमुटाव की खबरें चल रही थीं। मामला पुलिस तक पहुंचने पर यह बात उजागर हुई थी। राजीव-मोनिका ने शनिवार को अपने वकीलों के साथ कोर्ट पहुंच कर तलाक अर्जी लगाई।

सहमति से तलाक के लिए अर्जी : वकील सुधीर नानावटी के मुताबिक तलाक की अर्जी में किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है। इसमें लिखा है, हमें अब साथ रहना पसंद नहीं है इसलिए हम तलाक चाहते हैं।